पुरे साल हरा भरा रहने वाला प्लांट / श्रब कोनोकार्पस इरेक्टस या ग्रीन बटनवुड
पुरे साल हरा भरा रहने वाला यह पेड़ देखने में बहोत खूबसूरत होता है और इसे लगाना बहोत आसान होता है.
साल भर इसके पत्ते हरे बने रहते हैं. यह एक ऑर्नामेंटल ट्री भी है.
कॉमन नाम : ग्रीन बटनवुड है इसे कोनोकार्पस के नाम से भी जानते हैं.
कैटेगरी: ट्री, श्रब, पानी, अक्वाटिक प्लांट
यह एक ऐसा पेड़ है जिसका रूट सिस्टम बहोत ही स्ट्रोंग होता है, यह पेड़ नदी के किनारे के कटाव को रोकने में काफी मददगार होता है. इस पेड़ को हम डेकोरेटिव प्लांट की तरह भी लगा सकते हैं. इसको मेन्टेन करना बहोत आसान होता है. यह बहोत ही तेजी से ग्रोथ करता है, इसको ट्रिम भी कर सकते हैं चार से पांच दिन में ३ से ४ इंच तक बढ़ जाता है, इसको 10 से १५ दिन में एक बार पानी देंगे तो भी यह Survive कर लेता है.
यह नार्मल ४ मीटर से लेकर २० मीटर तक बढ़ सकता है और इसका तना बीस सेंटीमीटर तक हो सकता है. इस पेड़ को सजावट यानी की ओरनामेंटल के साथ साथ जमीन के कटाव को रोकने के लिए बड़ी तादाद में लगाना चाहिए, जिस जगह का तापमान बहोत ज्यादा हो उस जगह के लिए यह बहोत ही उपयुक्त पौधा या ट्री होगा, क्योंकि यह गर्मियों में भी हरा भरा बना रहता है.
इस पौधे को अमेरिका से ब्राजील और पेरू के समुद्रतटीय इलाकों में काफी प्लान्टेशन किया गया है, अब गुजरात सरकार शहरी इलाकों में यह पौधा काफी लगा रही है यहाँ तक की रोड के बीच यानी की डिवाइडर पर भी इसके पौधों का रोपण करवा रही है. जिससे गाड़ी चलने वालों की आँखों पर लाईट न पड़े और गरमियों में भी हरियाली बनी रहे.
पुरे साल हरा भरा रहने वाला यह पेड़ देखने में बहोत खूबसूरत होता है और इसे लगाना बहोत आसान होता है.
साल भर इसके पत्ते हरे बने रहते हैं. यह एक ऑर्नामेंटल ट्री भी है.
कॉमन नाम : ग्रीन बटनवुड है इसे कोनोकार्पस के नाम से भी जानते हैं.
कैटेगरी: ट्री, श्रब, पानी, अक्वाटिक प्लांट
यह एक ऐसा पेड़ है जिसका रूट सिस्टम बहोत ही स्ट्रोंग होता है, यह पेड़ नदी के किनारे के कटाव को रोकने में काफी मददगार होता है. इस पेड़ को हम डेकोरेटिव प्लांट की तरह भी लगा सकते हैं. इसको मेन्टेन करना बहोत आसान होता है. यह बहोत ही तेजी से ग्रोथ करता है, इसको ट्रिम भी कर सकते हैं चार से पांच दिन में ३ से ४ इंच तक बढ़ जाता है, इसको 10 से १५ दिन में एक बार पानी देंगे तो भी यह Survive कर लेता है.
यह नार्मल ४ मीटर से लेकर २० मीटर तक बढ़ सकता है और इसका तना बीस सेंटीमीटर तक हो सकता है. इस पेड़ को सजावट यानी की ओरनामेंटल के साथ साथ जमीन के कटाव को रोकने के लिए बड़ी तादाद में लगाना चाहिए, जिस जगह का तापमान बहोत ज्यादा हो उस जगह के लिए यह बहोत ही उपयुक्त पौधा या ट्री होगा, क्योंकि यह गर्मियों में भी हरा भरा बना रहता है.
इस पौधे को अमेरिका से ब्राजील और पेरू के समुद्रतटीय इलाकों में काफी प्लान्टेशन किया गया है, अब गुजरात सरकार शहरी इलाकों में यह पौधा काफी लगा रही है यहाँ तक की रोड के बीच यानी की डिवाइडर पर भी इसके पौधों का रोपण करवा रही है. जिससे गाड़ी चलने वालों की आँखों पर लाईट न पड़े और गरमियों में भी हरियाली बनी रहे.
This tree has ill effects too.. It might be good for some specific location but not for all places, Iran, Kuwait, Pakistan have banned the tree, Gujarat Govt should have made a proper study before planning to plantation for the role.
ReplyDeleteNow this tree is blamed for rapid rooting and dangerously destroying pipe-line and underground structures and heavily absorbing the ground and its water. Plus you wont find birds or herbivorous animals grazing or nibbling it or making nest, it also has asthma stories attached to it.
The big question is we already have so many native species which are best for the local environment then why do we need foreign trees we already did a big mistake in Gujarat as "ganda baval" (prosopis juliflora ) it was meant to stop expansion of desert but later it started ruining the agricultural land too. Thanks to neem it always and is helping us to curb the spread of gando baval